आम छात्रों की बेदखली का फरमान: IBPS का छात्र विरोधी ‘योग्यता व आयुसीमा क्राइटेरिया’ तत्काल वापस लो!


बैंकों में पीओ व अन्य नौकरियों की परीक्षा आयोजित करने वाले आईबीपीएस (इंस्टीट्यट आॅफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन) ने मनमाने ढंग से इन नौकरियों में आवेदन के लिए  योग्यता क्राइटेरिया में स्नातक में 60% अंक की बाध्यता थोपते हुए अधिकतम आयुसीमा को 30 से घटाकर 28 वर्ष कर दिया है, जिसके चलते लाखों छात्रों/छात्राओं को इन परीक्षाओं के लिए अयोग्य ठहरा दिया जाएगा।

 

बैंक की इन नौकरियों के लिए अब तक चला आ रहा ‘योग्यता क्राइटेरिया’ किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान/विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री व 30 वर्ष की अधिकतम आयुसीमा थी। अपने नए फरमान में आईबीपीएस ने ‘योग्यता क्राइटेरिया’ बदलते हुए स्नातक में न्यूनतम 60% अंकों की बाध्यता और अधिकतम आयुसीमा को 28 वर्ष कर दिया है। सवाल तो इस बात का है कि स्तरीय लिखित परीक्षा व साक्षात्कार होते हुए भी आईबीपीएस इस तरह का बाध्यता क्राइटेरिया लगाकर इस परीक्षा में बैठने के मौके को छात्रों के बहुत बड़े तबके से छीन लेने पर क्यों तुला है? नोट करने वाली बात है कि एसबीआई में पीओ की परीक्षा के लिए हाल में इसी तरह के क्रइटेरिया को खत्म किया जा चुका है और यूपीएससी की परीक्षाओं के लिए भी इस तरह की कोई बाध्यता नहीं रखी गई है। इस नए छात्रविरोधी क्राइटेरिया के चलते जहां लाखों छात्रछात्राएं बैंक की परीक्षाएं देने से वंचित रह जाएंग, वहीं दूसरी तरफ यह क्राइटेरिया सामाजिक न्याय, सबको समान अवसर के बुनियादी उसूल और नैसर्गिक न्याय के भी खिलाफ है। इसका प्रतिकूल असर एससी/एसटी/पीएच छात्रों पर भी पड़ रहा है जहां उनके लिए उपलब्ध अवसरों की संख्या बुरी तरह से घट रही है।


देश में लाखों छात्रछात्राएं बैंक पीओ/मैनेजमेट ट्रेनी/क्लर्क की नौ करी के लिए कड़ी मेहनत से तैयारी करते हैं। हमारा राष्ट्रीयकृत बैकिंग सेक्टर उन चंद पब्लिक सेक्टर्स में से एक है जहां सम्मानजनक रोजगार व सुरक्षित भविष्य की थो ड़ी संभावना बची हुई है। यह भी सच है कि अन्य पब्लिक सेक्टर्स की तरह बैंकिंग सेक्टर का भी निजीकरण और ठेकाकरण करने व इसे कारपोरेट कंपनियों को सौंप देने की कोशिशें सरकार द्वारा जारी हैं। जो हो, आज भी बॅंकिंग सेक्टर में हजारों की संख्या में नौ जवानों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध रहते हैं। देश में तकरीबन 20 के ऊपर राष्ट्रीयकृत बैक है , जिनमें पीओ/मॅनेज्मेंट ट्रेनी/क्लर्क के लिए सालाना भर्तियां की जाती है। स्टेट बॅंक आॅफ इं डिया को छोडकर तकरीबन बाकी सारी राष्ट्रीयकृत  बॅंक में इन पदो के लिए परीक्षाओं का आयोजन आई बीपीएस कराता है।

 

बैंकिंग सेक्टर की ये नौकरियां देश के छात्रछात्राओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। हर साल लाखों की संख्या में इन नौकरियों के लिए भरे जा रहे आवेदनों का बढ़ता ग्राफ जहां एक तरफ इन नौकरियों की लोकप्रियता को दिखाता है, वहीं दूसरी तरफ मोजूदा रोजगार संकट की तरफ भी इशारा करता है। ऐ से समय में जब दे श ‘रोजगारविहीन विकास’ के रास्ते पर चल रहा हो, बैंकिंग से क्टर की इन नौकरियों में सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गारंटी नौ जवानों के बड़े हिस्से को बेशक ज्यादा आकर्षित करती है । मेडिकल औ र इंजीनियरिंग जै सी डिग्रि यो  व यूपीएससी जैसी हाई प्रोफाइल नौकरियो, जिनकी तैयारी में बड़े पैमाने पर पैसे की जरूरत पड़ती है, के बरक्स बैंकिंग सेक्टर की इन नौकरियों की तैयारी कम खर्च में की जा सकती है ।

 

पिछले साठ सालों में हमारे देश में एक असमान शिक्षा प्रणाली का विकास किया गया, जहां आबादी के बड़े हिस्से को औसत व निम्नस्तरीय शिक्षण संस्थानों के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया। कम संसाधनों, खस्ताहाल सुविधाओं, खराब शिक्षण व कापियों के मूल्यांकन में गड़बडि़यों के बावजूद  छात्रों/छात्राओं ने अपनी मेहनत के दम पर अपना भविष्य बनाया। पर हाल के वर्षों में सरकारों की तरफ से लगातार ऐसे कदम उठाए गए हैं जो बेहतर भविष्य की तरफ इन छात्रों की न्यूनतम आवाजाही को भी रोक देना चाहते हैं। इसी कड़ी में आईबीपीएस के नए नियम छात्रों/छात्राओं के अधिकारों, समानता व सामाजिक न्याय पर किया जा रहा सबसे ताजातरीन हमला है। गौरतलब है कि लाखों छात्रछात्राओं को इस हमले के जरिए बाहर निकालने की तैयारी ऐसे समय में हो रही है, जब सरकार अपने तमाम दावों में समावेशी विकास का ढोल पीटते घूम रही है। आखिरकार इन खोखले सरकारी दावों का सच अब हमारे सामने है। हम सबको मिलकर आईबीपीएस के आम छात्रछात्राओं की बेदखली करने वाले इस छात्र विरोधी क्राइटेरिया के खिलाफ आंदोलन कर इसे वापस कराना होगा। आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा छात्र समुदाय से आईबीपीएस के इस क्राइटेरिया के खिलाफ आंदोलन में एकजुट होने की अपील करता है।

 

स्नातक में 60% की बाध्यता और 28 वर्ष की अधिकतम आयुसीमा के खिलाफ, सबको समान अवसर और रोजगार के लिए,वित मंत्रालय के समक्ष छात्रों का विशाल प्रदर्शन
स्थानः इंडिया गेट , समयः 10 बजे सुबह, दिनां क: 19 जुलाइ शुक्रवार, 2013

admin

Leave a Reply